छत्तीसगढ़ के 32 रेलवे स्टेशन होंगे वर्ल्ड क्लास, सरकार की लिस्ट में टॉप पर हैं ये स्टेशन

छत्तीसगढ़ के 32 रेलवे स्टेशन होंगे वर्ल्ड क्लास, सरकार की लिस्ट में टॉप पर हैं ये स्टेशन

छत्तीसगढ़ में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर ऐतिहासिक बदलाव की शुरुआत हो चुकी है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार की साझेदारी से 47 हजार करोड़ रुपए की लागत वाली कई प्रमुख रेल परियोजनाएं तेजी से प्रगति पर हैं। इन परियोजनाओं का लक्ष्य साल 2030 तक छत्तीसगढ़ में रेल नेटवर्क को दोगुना यानी 2200 रूट किलोमीटर तक विस्तार देना है।

अमृत भारत योजना से 32 रेलवे स्टेशन होंगे वर्ल्ड क्लास
अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत लगभग 1680 करोड़ रूपए की लागत से राज्य के 32 रेलवे स्टेशनों को विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। बिलासपुर (लागत 435 करोड़), रायपुर (लागत-463 करोड़), दुर्ग स्टेशन (लागत-456 करोड़) जैसे प्रमुख स्टेशनों के पुनर्विकास पर 1354 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंबिकापुर, उरकुरा, भिलाई, डोंगरगढ़ और भानुप्रतापपुर स्टेशनों का लोकार्पण किया।

इसके अंतर्गत भाटापारा, भिलाई पावर हाउस, तिल्दा नेवरा, बिल्हा, बालोद, दल्लीराजहरा, हथबंद, सरोना, मरोदा, मंदिर हसौद, निपानिया, भिलाई नगर, रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, रायगढ़, बाराद्वार, चांपा, नैला, जांजगीर, अकलतरा, कोरबा, उसलापुर, पेंड्रा रोड, बैकुंठपुर रोड, बिलासपुर, महासमुंद, जगदलपुर के स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ को मिली दो नई वंदे भारत ट्रेनें
रेल विकास के साथ-साथ छत्तीसगढ़ को दो नई वंदे भारत ट्रेनें (रायपुर से नागपुर और रायपुर से विशाखापट्टनम तक) प्राप्त हुई हैं। इसके अलावा, रायपुर मेट्रो ट्रेन के लिए सर्वेक्षण प्रक्रिया भी शुरू की जा चुकी है। इससे शहरी ट्रांसपोर्ट की तस्वीर भी बदलेगी।

बस्तर से लेकर सरगुजा तक रेल कनेक्टिविटी का विस्तार
बस्तर अंचल में रावघाट-जगदलपुर (140 किमी) रेल परियोजना को मंजूरी मिल गई है, जिस पर 3513 करोड़ खर्च होंगे। वहीं, कोत्तवलसा से किरंदुल (KK रेललाइन) के दोहरीकरण कार्य का 148 किमी हिस्सा छत्तीसगढ़ में पूरा हो चुका है। इसके अलावा सुकमा-दंतेवाड़ा-बीजापुर को जोड़ने वाली नई रेललाइन का सर्वे भी अंतिम चरण में है।

नई परियोजनाओं से सामाजिक-आर्थिक विकास को मिलेगी रफ्तार
राज्य में निर्माणाधीन प्रमुख परियोजनाओं में बिलासपुर-झारसुगुड़ा चौथी लाइन, राजनांदगांव-नागपुर तीसरी लाइन, खरसिया-धरमजयगढ़ नई लाइन और गौरेला-पेंड्रा रोड से गेवरा रोड लाइन शामिल हैं। इन परियोजनाओं से उद्योगों को कच्चा माल और finished goods के ट्रांसपोर्टेशन में सुविधा मिलेगी। इससे राज्य की औद्योगिक वृद्धि के साथ-साथ स्थानीय रोजगार भी बढ़ेगा।

छत्तीसगढ़ रेलवे कॉरपोरेशन की महत्वाकांक्षी योजना
कटघोरा से डोंगरगढ़ तक प्रस्तावित रेललाइन के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने 300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। यह परियोजना नागपुर-झारसुगुड़ा मार्ग का लोड घटाने में मदद करेगी और खनिज परिवहन के लिए वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध कराएगी। इस रेलमार्ग पर कबीरधाम, मुंगेली और डोंगरगढ़ जैसे क्षेत्रों को जोड़ने से इन जिलों के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

रेल परियोजनाएं बदलेंगी छत्तीसगढ़ की तस्वीर
इन सभी परियोजनाओं के पूरा होने के बाद छत्तीसगढ़ की रेल कनेक्टिविटी नए युग में प्रवेश करेगी। पर्यटन, व्यापार, उद्योग और रोजगार के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिलेगा। साथ ही, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों तक रेल पहुंचने से विकास की मुख्यधारा में इन जिलों की भागीदारी सुनिश्चित होगी।


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