Bihar Politics: जन सुराज पार्टी में शामिल होंगे पवन सिंह? पीके की ही पार्टी क्यों बन रही भाजपा छोड़ने वालों की पसंद, यहां समझे पूरा गुणा-गणित

Bihar Politics: जन सुराज पार्टी में शामिल होंगे पवन सिंह? पीके की ही पार्टी क्यों बन रही भाजपा छोड़ने वालों की पसंद, यहां समझे पूरा गुणा-गणित

पटनाः बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाला है। ऐसे में वहां की सियासी फिजा गर्म है। तमाम नेताओं के पार्टी छोड़ने के साथ दूसरी पार्टियों में जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। हाल में कई ऐसे नेता है, जो अपने मूल पार्टी को छोड़कर किसी दूसरे दल का दामन थाम लिए हैं। हाल में चर्चित यूट्यूबर मनीष कश्यप ने भाजपा छोड़ने का ऐलान किया था। अब बिहार के सियासी गलियारों में चर्चा है कि वह जन सुराज में शामिल हो सकते हैं। इतना ही नहीं लोक गायक पवन सिंह भी अब जन सुराज पार्टी में शामिल हो सकते हैं। चलिए ये भी समझ लेते हैं कि आखिर इन दोनों की पीके की पार्टी में शामिल होने की चर्चा क्यों हो रही है।।

Read More : कांकेर में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़, एक महिला नक्सली ढेर

भाजपा छोड़ने के बाद मनीष कश्यप की मुलाकात भोजपुरी के पावर स्टार पवन सिंह के साथ हुई थी। यहीं से इस बात को और हवा मिल गई। कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पिछले साल लोकसभा चुनाव नतीजे आने के करीब तीन महीने बाद पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह ने प्रशांत किशोर से मुलाकात की थी। ज्योति की मुलाकात के करीब हफ्तेभर बाद ही पवन सिंह की पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा के साथ तस्वीर सामने आई थी। आनंद मिश्रा के जन सुराज के युवा अध्यक्ष रहते पवन सिंह की पार्टी में एंट्री नहीं हुई। अब चुनाव करीब हैं तो उनके जन सुराज में शामिल होने की चर्चा जोरों पर है।

Read More : ट्रंप का न्योता ठुकराकर ओडिशा पहुंचे पीएम मोदी: G7 समिट के दौरान ट्रंप से फोन पर क्या बोले थे PM मोदी, आज बताई सच्‍चाई…

बीजेपी से खटपट की ये हो सकती है वजह

बता दें कि पवन सिंह वर्षों तक बीजेपी में सक्रिय रहे। पार्टी ने उन्हें प्रदेश कार्यकारिणी का सदस्य बनाकर सम्मान भी दिया, लेकिन पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में दोनों की ट्यूनिंग बिगड़ गई। बीजेपी ने पवन को पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट से टिकट दिया था। पवन ने इस सीट से लड़ने से मना कर दिया और बिहार की किसी सीट से चुनाव मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया। पवन अपने गृह जिले भोजपुर से सटी काराकाट सीट से निर्दलीय ही मैदान में उतर गए। पवन सिंह के चुनाव लड़ने की वजह से भाजपा को काफी नुकसान हुआ। पवन सिंह ने लोकसभा चुनाव में काराकाट से निर्दलीय लड़कर बहुत ही कम समय में पौने तीन लाख वोट लाकर अपनी पावर दिखा दी थी। पवन न सिर्फ दूसरे स्थान पर रहे, बल्कि उपेंद्र कुशवाहा को तीसरे स्थान पर धकेल दिया।

Read More : IND vs ENG 1st Test: लीड्स में राहुल-जायसवाल की जोड़ी ने रचा इतिहास, 39 साल पुराना रिकॉर्ड ध्वस्त

पावर स्टार पवन सिंह को नए सियासी ठौर की तलाश है। वहीं, जन सुराज के लिए पीके को मजबूत वोट बेस वाले लोकप्रिय चेहरों की। पवन सिंह जन सुराज और पीके की पॉलिटिक्स के खांचे में फिट बैठते हैं। इसके अलावा इस बार भी वह पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। पवन ने मार्च में ही यह ऐलान कर दिया था। बिहार चुनाव लड़ने के सवाल पर पवन सिंह ने कहा था कि लड़ेंगे न भैया, जब जब राजनीति में कदम रख दिया है, तो पीछे नहीं हटेंगे। वह यह भी कह चुके हैं कि काराकाट नहीं छोड़ेंगे।


Related Articles