Kalicharan Maharaj Statement on Love Jihad : मध्य प्रदेश। कालीचरण महाराज ने एक बार फिर लव जिहाद को खत्म करने के लिए अपना पुराना टोटका दोहराया है। उन्होंने बताया कि, लव जिहाद से बचने के लिए तांत्रिक उपाय किए जाते हैं। लव जिहाद का वशीकरण उतारने के लिए सुअर के दांत का पानी का उपयोग करना चाहिए। इससे लव जिहाद का असर खत्म होता है।
लव जिहाद के 80 प्रतिशत मामले में तांत्रिक प्रयोग
दरअसल, कालीचरण महाराज जबलपुर में एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आये थे। इसी दौरान उन्होंने कहा कि, मैं लव जिहाद का केस हैंडल करने वाले धर्म रक्षकों को बताना चाहता हूँ कि, सुअर का दांत अपने पास रखे।
उस दांत (सुअर के दांत) को पत्थर पर घिसकर पानी में उसे दो बूंद पानी में मिलाकर पीड़ित लड़की को पिला दो। लड़की के ऊपर किया गया वशीकरण टूट जायेगा। उन्होंने आगे बताया कि, लव जिहाद के 80 प्रतिशत मामले में तांत्रिक प्रयोग होते हैं।
सुअर के दांत के आगे कोई भी इस्लामिक तांत्रिक वशीकरण नहीं टिकता। कालीचरण महाराज ने यह भी कहा कि लेडी पुलिसकर्मी को बुलाकर किसी व्यक्ति के शरीर में बंधे ताबीज या धागे निकालने से जादू-टोना खत्म हो सकता है।
कौन हैं कालीचरण महाराज
सामान्य परिवार में जन्मे कालीचरण महाराज महाराष्ट्र के अकोला जिले के शिवाजीनगर के रहने वाले हैं। उनका असली नाम अभिजीत धनंजय सराग है। वे भावसार समाज से आते हैं। कालीचरण महाराज की पढ़ाई शहर के टाउन जिला परिषद स्कूल में आठवीं तक हुई।
मीडिया रिपोर्ट्स में उनके जानने वालों के हवाले से बताया गया है कि, उन्होंने स्कूली शिक्षा पूरी न करने के बावजूद कई धर्मग्रंथों का गहन अध्ययन किया है। इंदौर में रहते हुए वे भय्यूजी महाराज के आश्रम से जुड़े और वहीं से ‘महाराज’ की उपाधि प्राप्त की।
रायपुर में करीब 2 साल पहले हुई धर्म संसद में शामिल होने पहुंचे कालीचरण महाराज ने गांधी जी के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। इसके बाद चर्चा में आए थे। कालीचरण ने कहा था कि गांधी ने देश का सत्यानाश किया, गोडसे को नमस्कार जो उन्हें मार दिया।
काली चरण महाराष्ट्र अकोला में हर साल कांवड़ यात्रा में हिस्सा लेते हैं। कालीचरण महाराज पिछले साल उस समय चर्चा में आए थे जब उन्होंने मध्यप्रदेश में शिव तांडव स्त्रोत गाया था। उनका ये वीडियो इंटरनेट पर वायरल हुआ था। अभिनेता अनुपम खेर ने भी उनका वीडियो शेयर किया था।
चुनावी मैदान में आजमाई किस्मत
कालीचरण महाराज ने साल 2017 में अकोला नगर निकाय चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई थी हालांकि इस चुनाव में कालीचरण महाराजा की हार हुई थी। 2019 के विधानसभा चुनाव में अकोला पश्चिम सीट से उनके उम्मीदवार को लेकर बड़ी चर्चा थी लेकिन उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा।