पाकिस्तान के सिंध प्रांत में नहर परियोजना को लेकर जनता का गुस्सा अब सड़कों पर फूट पड़ा है। शुक्रवार को राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की बेटी और सांसद आसिफा भुट्टो के काफिले पर गुस्साई भीड़ ने लाठियों और हाथों से हमला कर दिया। हमले का वीडियो शनिवार को सामने आया, जिसने पाकिस्तान की राजनीति और आंतरिक सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या हुआ?
आसिफा भुट्टो शुक्रवार को कराची से नवाबशाह की ओर जा रही थीं। रास्ते में विवादित नहर परियोजना और कॉर्पोरेट खेती के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों ने उनका काफिला रोक लिया। भीड़ ने नारेबाजी की और कुछ ने गाड़ियों पर लाठियों से वार किया।
हालांकि, द पुलिस और सुरक्षा दल ने तुरंत हरकत में आते हुए आसिफा को सुरक्षित वहां से निकाल लिया। पुलिस ने बताया कि यह हमला एक मिनट से भी कम समय के लिए हुआ और किसी को शारीरिक नुकसान नहीं पहुंचा।
हमले के पीछे क्या है वजह?
पाकिस्तान सरकार सिंध नदी पर एक नई नहर परियोजना लाने की योजना बना रही है, जिसे लेकर स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी है। लोगों को डर है कि यह परियोजना स्थानीय जमीनों को छीनकर कॉर्पोरेट खेती को बढ़ावा देगी और पारंपरिक किसान तबाह हो जाएंगे।
मंत्री के घर पर भी हमला
इस गुस्से की आग यहीं नहीं थमी। मंगलवार को सिंध के गृह मंत्री जियाउल हसन लंजर का घर प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया था। उन्होंने वहां तैनात गार्ड्स के साथ भी मारपीट की थी। मामला तब और गंभीर हो गया जब नौशेहरो फिरोज जिले में पुलिस और एक राष्ट्रवादी संगठन के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई, जिसमें 2 लोगों की मौत और कई के घायल होने की खबर है।
राजनीतिक और सामाजिक हलकों में मची हलचल
इस घटना ने पाकिस्तान के राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। राष्ट्रपति की बेटी पर हुआ हमला सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल नहीं खड़ा करता, बल्कि यह संकेत भी देता है कि सिंध में सरकार और जनता के बीच टकराव की लकीरें गहराती जा रही हैं।