CG Weather Update : छत्तीसगढ़ में 5 दिनों तक बदला रहेगा मौसम, गरज-चमक और बारिश की चेतावनी, IMD का अलर्ट

CG Weather Update : छत्तीसगढ़ में 5 दिनों तक बदला रहेगा मौसम, गरज-चमक और बारिश की चेतावनी, IMD का अलर्ट

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ में मौसम का मिजाज एक बार फिर करवट लेने वाला है. राज्य में अगले कुछ दिनों तक गरज-चमक, तेज हवाएं और हल्की से मध्यम बारिश की गतिविधियां सक्रिय रहने वाली हैं. वहीं अधिकतम तापमान में भी धीरे-धीरे वृद्धि होने की संभावना जताई गई है. मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा के अनुसार बिहार और झारखंड से जुड़ी द्रोणिका रेखा, पश्चिमी विक्षोभ और अन्य मौसमी तंत्रों के प्रभाव के चलते प्रदेश में मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा. दक्षिणी छत्तीसगढ़ में मेघगर्जन की गतिविधियां अगले पांच दिनों तक बनी रह सकती हैं.

सिनॉप्टिक सिस्टम का प्रभाव

वर्तमान में पंजाब और आस-पास के क्षेत्रों में पश्चिमी विक्षोभ औसत समुद्र तल से 3.1 किमी ऊपर चक्रवाती परिसंचरण के रूप में सक्रिय है. इससे जुड़ी एक द्रोणिका 5.8 किमी की ऊंचाई तक फैली हुई है. साथ ही एक अन्य द्रोणिका बिहार के मध्य भाग से दक्षिण झारखंड तक विस्तारित है, जो 1.5 किमी की ऊंचाई तक है. इन मौसमी प्रणालियों के चलते छत्तीसगढ़ पर इसका प्रभाव पड़ रहा है.

प्रदेश में वर्षा और अंधड़ की संभावना

13 मई को प्रदेश के एक-दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है. साथ ही कुछ स्थानों पर 40-50 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवा चलने और वज्रपात की आशंका भी जताई गई है. दो दिनों बाद यह गति 50-60 किमी प्रति घंटा तक पहुंच सकती है.

तापमान में हो सकती है बढ़ोतरी

छत्तीसगढ़ में अधिकतम तापमान में आने वाले तीन दिनों तक 2-3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने की संभावना है. इसके बाद तापमान में कोई विशेष परिवर्तन की संभावना नहीं है. बीते 24 घंटों में प्रदेश का सर्वाधिक तापमान 42.0°C दुर्ग में दर्ज किया गया, जबकि सबसे कम न्यूनतम तापमान 24.9°C अंबिकापुर में रहा.

रायपुर का मौसम पूर्वानुमान

राजधानी रायपुर में 13 मई को आकाश आंशिक रूप से मेघमय रहेगा. गरज-चमक के साथ हल्की बौछारें पड़ने की संभावना है. अधिकतम तापमान 42°C और न्यूनतम तापमान 29°C के आसपास रह सकता है.

मानसून के आगमन के संकेत

दक्षिण-पश्चिम मानसून के लिए परिस्थितियां अनुकूल बन रही हैं. आगामी 4-5 दिनों में यह दक्षिण अरब सागर, मालदीव, कोमोरिन क्षेत्र, दक्षिण बंगाल की खाड़ी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह तथा अंडमान सागर में आगे बढ़ सकता है.


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