CGPSC घोटाले में CBI ने मारा छापा: रायपुर और महासमुंद के 5 ठिकानों पर एकसाथ छापेमारी, कई दस्तावेज जब्त

CGPSC घोटाले में CBI ने मारा छापा: रायपुर और महासमुंद के 5 ठिकानों पर एकसाथ छापेमारी, कई दस्तावेज जब्त

CGPSC Scam: छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग घोटाले की परतें अब और खुलने लगी हैं। इस बहुचर्चित भर्ती घोटाले की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो ने मंगलवार को रायपुर और महासमुंद में एक साथ पांच ठिकानों पर छापेमारी की। इस छापेमारी में कई दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और तकनीकी साक्ष्य जब्त किए गए हैं, जिनकी जांच तेज़ी से जारी है।

होटल, कोचिंग सेंटर और डॉक्टर के घर पर दबिश
CBI की टीम ने रायपुर के फूल चौक स्थित एक निजी होटल और सिविल लाइन के एक नामी कोचिंग सेंटर पर दबिश दी। महासमुंद में एक सरकारी डॉक्टर के आवास, अभ्यारण्य गेस्ट हाउस और एक अन्य ठिकाने पर भी छानबीन की गई। बताया जा रहा है कि ये सभी ठिकाने CGPSC परीक्षा में कथित गड़बड़ी से जुड़े हैं।

ये हैं अब तक गिरफ्तार हुए बड़े नाम
इस घोटाले में कई हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।

  • टामन सिंह सोनवानी (पूर्व CGPSC चेयरमैन)
  • साहिल सोनवानी और नितेश सोनवानी (रिश्तेदार)
  • शशांक गोयल
  • भूमिका कटियार
  • ललित गनवीर (पूर्व डिप्टी एग्जाम कंट्रोलर)

क्या है CGPSC घोटाले का पूरा मामला?
CGPSC ने साल 2020 और 2021 में राज्य सेवा भर्ती परीक्षा आयोजित की थी। इसमें कुल 346 पदों के लिए आवेदन लिए गए थे। प्रारंभिक परीक्षा, मेंस और इंटरव्यू के बाद 11 मई 2023 को चयन सूची जारी हुई, जिसमें 170 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए।
आरोप है कि तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी ने अपने रिश्तेदारों, राजनेताओं और प्रभावशाली नौकरशाहों के बच्चों को फर्जी तरीके से परीक्षा पास कराकर नौकरी दिलवाई।

कार्रवाई अभी जारी
CBI द्वारा बरामद दस्तावेजों की बारीकी से जांच की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। इस बीच राज्य के युवा और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थी इस कार्रवाई को न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मान रहे हैं।


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