फिल्म में रेप सीन की शूटिंग के दौरान कांप उठी थी ये एक्ट्रेस, उल्टियां करते-करते हो गई थी हालत खराब

फिल्म में रेप सीन की शूटिंग के दौरान कांप उठी थी ये एक्ट्रेस, उल्टियां करते-करते हो गई थी हालत खराब

फिल्मों और सीरीज में रेप सीन होना आम बात है लेकिन कई बार इन सीन की शूटिंग के दौरान अभिनेत्रियों की हालत खराब हो जाती है. आज हम यहां ऐसी ही एक एक्ट्रेस के बारे में बताएंगे जो एक सीरीज में रेप सीन करने के दौरान कांप उठी थी और वे उल्टियां तक करने लगी थीं.

रेप सीन की शूटिंग के बाद होने लगी थी उल्टियां
दरअसल हम बात कर रहे हैं दीया मिर्जा की. दीया मिर्ज़ा ने मोहित रैना के साथ 2019 में काफ़िर नाम की एक वेब सीरीज़ की ही. हाल ही में इस शो को ज़ी5 पर फिल्म के रूप में फिर से रिलीज़ किया गया था. वहीं न्यूज 18 को दिए एक इंटरव्यू के दौरान दीया ने खुलासा किया कि सीरीज में रेप सीन की शूटिंग करना मुश्किल था. उन्होंने आगे बताया, “उस सीन की शूटिंग पूरी होने के बाद मैं फिजिकली कांप रही थी. मुझे याद है कि मुझे उल्टी आ रही थी. उस सीन की शूटिंग पूरी होने के बाद मुझे उल्टी हुई.” नादानियां अभिनेत्री ने यह भी कहा कि सिचुएशन “इमोशनली और फिजिकली रूप से चैलेंजिंग” थीं. मिर्जा ने ये भी कहा कि जब कोई व्यक्ति अपनी पूरी बॉडी को उस पल की सच्चाई में ले जाता है, तो वह उसे पूरी तरह महसूस करता है.

बार -बार नहीं बनती ऐसी शानदार कहानियां
इसी बातचीत में उन्होंने बताया कि वे हिमाचल की खूबसूरत वादियों में शूटिंग कर रहे थे. लेकिन सीन इतने इमोशनल और गहरे थे कि खूबसूरत लोकेशन भी उनके प्रभाव को हल्का नहीं कर पाती थीं. उन्होंने कहा कि वे रोज 15 से 18 मिनट की शूटिंग करते थे. काम का काफी प्रेशर था और दिन लंबे और थका देने वाले भी थी. हालाँकि, उस भूमिका को निभाना उनके लिए एक रिवॉर्ड वाला एक्सपीरियंस था और यह उनके लिए लाइफ टाइम की अपॉर्चुनिटी थी. क्योंकी ऐसी शानदार और एंटरटेनिंग कहानियां बार-बार नहीं कही जाती हैं, इसलिए यह उनके लिए जीत वाली स्थिति थी.

काफ़िर की क्या है कहानी?
बता दें कि काफ़िर ओरिजनली 8-एपिसोड के टीवी शो के रूप में रिलीज़ की गई थी, जिसका प्रीमियर 15 जून 2019 को हुआ था. भवानी अय्यर द्वारा लिखित, यह एक सच्ची कहानी से प्रेरित है. स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर फिल्म के ऑफिशियल सिनोप्सिस के मुताबिक, “कैनाज़ नाम की एक पाकिस्तानी महिला भाग्य के फेर में भारत में प्रवेश करती है और एक आतंकवादी के रूप में गलत तरीके से जेल में डाल दी जाती हैय सालों बाद, एक पत्रकार उसे न्याय दिलाने के लिए कड़ी लड़ाई लड़ता है, लेकिन झूठ का एक सिलसिला सामने आता है.”


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