मध्यप्रदेश। ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश हाई कोर्ट का फैसला बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ओबीसी आरक्षण वाली याचिका ख़ारिज कर दी है। इस तरह अब मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण की राह आसान हो गई है। कमलनाथ ने इस मामले पर कहा कि, OBC को 27% आरक्षण मिलना चाहिए।
जानकारी के अनुसार, यूथ फॉर इक्वलिटी नाम के संगठन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इसके पहले मध्यप्रदेश हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण के खिलाफ लगी याचिका को तर्कहीन मानते हुए ख़ारिज कर दिया था। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में गया जहां 75 याचिकाओं को एक साथ सुना गया। सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा –
“मध्यप्रदेश में ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण देने में कोई न्यायिक अड़चन नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के फैसले को सही मानते हुए यह स्पष्ट किया। कोर्ट ने कहा कि 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण पर कोई रोक नहीं हैं।”
“अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में 2019 में मैंने प्रदेश के OBC वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का क़ानून बनाया था। उसके बाद से बनी भाजपा की सरकार असंवैधानिक रूप से षडयंत्र रचकर लगातार OBC को आरक्षण से वंचित कर रही है। पहले माननीय मध्य प्रदेश हाईकोर्ट और अब सुप्रीम कोर्ट ने भी स्पष्ट कर दिया है कि OBC को 27 प्रतिशत आरक्षण देने वाले क़ानून पर कोई रोक नहीं है।”
“भारतीय जनता पार्टी को अब मध्य प्रदेश के OBC समाज से माफ़ी माँगनी चाहिए और तत्काल प्रभाव से प्रदेश में OBC को 27% आरक्षण देना चाहिए।”