अगर आप भी वृद्धा पेंशन योजना के लाभार्थी हैं या फिर आपके घर में कोई सदस्य इस योजना का लाभ ले रहा है तो उनके लिए बड़ी खुशखबरी है। दरअसल, उत्तर प्रदेश में गलत तरीके से वृद्धावस्था पेंशन लेने को लेकर शासन स्तर से पिछले दिनों सत्यापन करवाने का निर्देश दिया है। अब पूरे प्रदेश में सत्यापन कराने की योजना बना ली गई है। संबंधित कर्मचारी लाभार्थियों के घर जाकर इस प्रक्रिया को पूरा करेंगे।
घर बैठे होगा वृद्धा पेंशन योजना का सत्यापन
बता दें कि, अप्रैल महीने से इसकी शुरुआत की जाएगी। वहीं, मई-जून तक इसे पूरा कर लिया जाएगा। ऐसे में लाभार्थियों को सत्यापन के लिए किसी भी तरह से विभाग, जनसेवा केंद्र और साइबर कैफे के चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। संबंधित कर्मचारी ही लाभार्थियों के घर जाकर सत्यापन की प्रक्रिया पूरा करेंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में ब्लॉक स्तर के अधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी दी जाएगी।
किन्हें मिलेगा वृद्धा पेंशन योजना का लाभ?
बता दें कि समाज कल्याण विभाग की ओर से यूपी में वृद्धावस्था पेंशन योजना चलाई जा रही है। योजना के तहत वर्तमान में यूपी के करीब 60 लाख बुजुर्गों को हर महीने एक हजार रुपये के हिसाब से पेंशन दी जा रही है। सरकार इस नई व्यवस्था को लागू करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। सरकार के पास राशन कार्ड, फैमिली कार्ड और आधार कार्ड जैसे प्रमाण पहले से उपलब्ध हैं। इन्हीं के आधार पर पात्र बुजुर्गों की पहचान कर उन्हें पेंशन का लाभ दिया जाएगा। इस प्रक्रिया से न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि बुजुर्गों को बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर भी नहीं लगाने पड़ेंगे।
वृद्धावस्था पेंशन योजना की पात्रता
- आधार कार्ड के अनुसार उम्र 60 वर्ष या उससे अधिक हो।
- परिवार के पास पांच एकड़ से अधिक कृषि भूमि न हो।
- घर में कोई सदस्य सरकारी नौकरी में न हो।
- परिवार के पास कोई चार पहिया वाहन न हो।
वृद्धा पेंशन योजना में हो रही सेंधमारी
दरअसल, कुछ दिन पहले खुलासा हुआ कि, ITR भरने वाले भी वृद्धा पेंशन योजना का लाभ ले रहे हैं। इसका खुलासा प्रदेश में चल रही राशन कार्डों की जांच और उनके लाभार्थियों की सरकारी योजनाओं से करवाई जा रही मिलान से हुआ। शुरुआती जांच में पाया गया कि, प्रदेश में दो से ढाई हजार ऐसे लाभार्थी हैं, जो वृद्धावस्था पेंशन भी ले रहे हैं और आईटीआर फाइल कर रहे हैं। इनमें कई आयकर दे रहे हैं।