आईपीएल 2025 से पहले बीसीसीआई ने ऐसा फैसला लिया है, जिसने क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी है। इस बार डे-नाइट मुकाबलों में मैच 3 गेंदों से खेले जाएंगे। जी हां, यह कोई अफवाह नहीं बल्कि एक आधिकारिक घोषणा है। हाल ही में मुंबई में हुई कैप्टन मीटिंग के दौरान इस नियम की जानकारी दी गई। नए नियम के तहत जहां पहली पारी में सिर्फ एक नई गेंद का इस्तेमाल होगा, वहीं दूसरी पारी में बल्लेबाजों को दो नई गेंदों का सामना करना होगा। यानी चेज़ करने वाली टीम के सामने चुनौती और भी रोचक हो जाएगी।
अब IPL में दिखेगा तीन गेंदों का रोमांच
नए नियम के तहत, अब आईपीएल के रात के मैचों में ओस के प्रभाव को कम करने के लिए दूसरी पारी में 11वें ओवर के बाद एक नई गेंद का इस्तेमाल किया जाएगा। बीसीसीआई का मानना है कि इससे खेल को अधिक संतुलित बनाया जा सकेगा और टॉस जीतने वाली टीम को जो अतिरिक्त फायदा मिलता था, वह कम होगा। ओस की वजह से गेंदबाजों को गेंद ग्रिप करने में दिक्कत होती थी, जिससे दूसरी पारी में गेंदबाजी करना चुनौतीपूर्ण हो जाता था। अब इस नए नियम से गेंदबाजों को बेहतर पकड़ मिलेगी और मैच का रोमांच भी पहले से ज्यादा बढ़ेगा।
आईपीएल के नए नियम ने बढ़ाई उत्सुकता
इस नियम की सबसे बड़ी वजह रात के मैचों में ओस का प्रभाव है, जो गेंदबाजों के लिए बड़ी चुनौती बन जाती है। ओस के कारण गेंद गीली और फिसलन भरी हो जाती है, जिससे गेंदबाजी और ग्रिपिंग में दिक्कत होती है। ऐसे में बल्लेबाजों को फायदा मिलता है और टॉस जीतने वाली टीम अक्सर मैच पर हावी हो जाती है। बीसीसीआई का मानना है कि दूसरी पारी में 11वें ओवर के बाद एक नई गेंद के इस्तेमाल से यह असंतुलन खत्म होगा और दोनों टीमों को बराबरी का मौका मिलेगा।
- ओस से निजात का नया फॉर्मूला
दूसरी पारी में गेंदबाजी करने वाली टीमें लंबे समय से ओस के असर की शिकायत करती रही हैं। ओस की वजह से स्पिनरों के साथ-साथ पेसरों को भी गेंद पकड़ने और स्विंग कराने में काफी दिक्कत होती है।
- टॉस का असर होगा कम
ओस की स्थिति को ध्यान में रखते हुए अब टॉस का फायदा पहले जैसा असरदार नहीं रहेगा। नए नियम के चलते टॉस की भूमिका काफी हद तक सीमित हो जाएगी।
- तेज गेंदबाजों की बढ़ेगी अहमियत
ओस की स्थिति में 11वें ओवर के बाद नई गेंद मिलने से पेसरों का इस्तेमाल बढ़ेगा। ऐसे में स्पिनरों की जगह टीमें तेज गेंदबाजों को मौका दे सकती हैं।
- मिडिल ऑर्डर की अग्निपरीक्षा
ओस में 11वें ओवर से नई गेंद आने पर मिड्ल ऑर्डर बल्लेबाजों को सेट होने के बावजूद नई चुनौती झेलनी होगी। ऐसा लगेगा जैसे वे फिर से पारी की शुरुआत कर रहे हों, जिससे रन बनाना मुश्किल हो सकता है।
अब देखना दिलचस्प होगा कि टीमें इस बदलाव के साथ कैसी रणनीति अपनाती हैं।